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फर्जी राशनकार्ड बनाकर गरीबों के निवाला से तिजोरी भर रही है सरकार :-मोहित यादव (जिलाध्यक्ष राजद)

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 बेगूसराय बिहार-  जनता पूछ रहीं सवाल किसके सहयोग से बना दो-दो पंचायत में राशनकार्ड :- मकबूल आलम (जिला महासचिव राजद) 
कहीं अधिकारी की अनुमति से तो नहीं बन रहें हैं अनुमंडल में फर्जी राशनकार्ड।
कोविंद 19 के नाम पर राशनकार्ड घोटाला दबाने में लगें हैं अधिकारी
तेघड़ा ( बेगूसराय ) जहां राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट राशनकार्ड बनाने में बड़ा घोटाला सामने निकल कर आ रहा है। गौरतलब हो कि बेगूसराय जिलें की तेघड़ा अनुमंडल में कार्यरत एक कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार पर आरोप लगा कि अपने पद का दुरूपयोग कर उसने अपने परिवार में जहां माता पिता के नाम पर तीन राशनकार्ड बना डालें, खुद कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार के भी दो पंचायत में दो राशनकार्ड बना लिए हैं, वहीं भाई को भी दो राशनकार्ड बना दिया। मोहित यादव राजद जिलाध्यक्ष बताते हैं कि ये राशनकार्ड घोटाला केवल एक अनुमंडल की बात नहीं है पहला‌ मामला तेघड़ा अनुमंडल में निकला आखिर कैसे बिहार के मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारी एक से ज्यादा राशनकार्ड कैसे बना देते हैं प्रखंड में राशनकार्ड का आवेदन जांच करने वाले अधिकारी पदाधिकारी किस कारण दो-दो तीन-तीन एक ही व्यक्ति को राशनकार्ड निर्गत कर दिया। और जब फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया तब अधिकारी चुप्पी क्यों साध रखें हैं।क्यों नहीं इस मामले में जांच शुरू हुई।इस बड़ी घोटाला का जांच निष्पक्ष एजेंसी से क्यों नहीं किया गया ताकि बड़ा घोटाला सामने आ सकें और पर्दे के पीछे से डायरेक्ट बनने वाले मुख्यमंत्री के चेहरा जनता के सामने आ सकें। आखिर गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने का दावा करते हैं। ऐसा तो नहीं बिहार में गरीबों के हक पर अधिकारी सेंध लगा रहें हैं और बिहार के मुख्यमंत्री को अब सामने आ कर जनता को बताना चाहिए कि फर्जी राशनकार्ड बनाने में कौन-कौन शामिल है । कहीं गरीबों को राहत देने के नाम पर बिहार के मुख्यमंत्री तिजोरी तो नहीं भर रहें हैं। वहीं बुद्धिजीवी वर्ग बताते हैं कि राशनकार्ड बनाने में फर्जीवाड़ा पिछले कई सालों से चल रहा है, केवल फाइल में सभी कागजात रहने के कारण जनता के सामने घोटाला की बातें सामने नहीं आ रहा था,अब जब सामने आ रहा है तब कोविंद 19 का दुहाई देकर मामला ठंडे बस्ते में रखने की कोशिश किया जा रहा है। जिला आर्पूति पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी ,प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह (अंचलाधिकारी) को सातों राशनकार्ड का RC नंबर सामने आने के बाद भी जब सात राशनकार्ड को जांच करने में हफ्तों लगते हैं तो बिहार में अन्य फर्जी राशनकार्ड का कब तक जांच करने में सफल होंगे। कैसे प्रखंड में राशनकार्ड घोटाला चल रहा है। RC  10200080110028410026 और FPS id 122200500240 है। जो कि  सोनेलाल महतो , और कल्पना देवी के नाम से बना है। दूसरा कार्ड RC 102220131123789300000889 FPS id:122200500240 है। जो कि गुलाबी देवी, सोनेलाल महतो, और कल्पना देवी के नाम से निर्गत है। तीसरा कार्ड RC 102220131123789100000978 FPS id:122200500240 है। जो कि सुजीत कुमार , सरिता कुमारी के नाम से है। चौथा राशनकार्ड का RC 10200080110028420180 FPS id: 122200500240 है। जो कि शारदा रानी,शिवानशी , और कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार के नाम से बना है। पांचवां राशनकार्ड RC 10200080105026219997 FPS id: 122200500481 है। जो कि गुलाबी देवी, कल्पना देवी, और सोनेलाल महतो के नाम से बना हुआ है।छठा राशनकार्ड RC 10200080105026219999 FPS Id: 122200500481 है जो कि संगीता कुमारी और सुजीत कुमार के नाम से बना है। सातवां राशनकार्ड RC 10200080105026219998 FPS id: 122200500481 जो कि कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार और शारदा रानी के नाम से बना है।सारे सबूत सामने रहने के बाद भी हफ्तों जांच में लगना बताता है बिहार की जनता से किस प्रकार धोखा दे रहें हैं इस डबल इंजन की सरकार।अंधेर नगरी और चौपट राजा।

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